Palwal GK - Palwal District Current GK in Hindi - Palwal जिले की पूरी जानकारी

 

पलवल का इतिहास – History of Palwal

इस नगर का संबंध महाभारत काल से है। माना जाता है कि पंडित पलवल ( palwal ) का घनिष्ठ संबंध पांडव साम्राज्य के साथ था। उन्ही के नाम से इस नगर का नाम पलवल पड़ा। ऐसा भी माना जाता है कि पलम्बासुर राक्षस की राजधानी होने के कारण इसका नाम पलवल पड़ा।

मुगल शासन काल के समय समीपवर्ती क्षेत्र सहित यह नगर ड्यूबोजन को जागीर के रूप में सौंप दिया गया। दिल्ली के मिर्जा खां लार्ड लेक द्वारा पराजित किये जाने पर अंग्रेजों ने इसे अपने अधिकार में ले लिया।

जलियांवाला बाग हत्याकांड के समय अमृतसर जा रहे महात्मा गांधी को 8 अप्रैल 1919 को यहीं पर गिरफ्तार किया गया था। यह उनकी भारत मे पहली राजनीतिक गिरफ्तारी थी।

पलवल की स्थापना – Palwal Kab Bna

                हरियाणा राज्य सरकार ने फरीदाबाद जिले का विभाजन करते हुए इसमें पलवल ( palwal ) को नया जिला 15 अगस्त 2008 को बना दिया। यह राज्य का 21वां जिला है। पलवल जिले में पलवल, होडल और हथीन तीन उपमंडल तथा पलवल, होडल, हसनपुर और हथीन चार खंड शामिल किए गए है।

पलवल जिले में पीली मिट्टी पाई जाती है। यहां पर गेहूं, गन्ना, बाजरा, ज्वार चने की खेती प्रमुख रूप से की जाती है। यह जिला औधोगिक रूप से पिछड़ा हुआ है। यहां चीनी उद्योग तथा छोटेछोटे कल कारखाने कार्यरत है। पलवल cotton trade का केंद्र है।

प्राचीन काल

सिटी पलवल कोपालससुरुनाम से एक दानव का नाम मिला, जिसने पांडवों के काल के दौरान इस स्थान पर शासन किया था। बलवारा, भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई द्वारा पलवासुर की हत्या हुई थी। उनकी स्मृति में, हर सालबलदेव छाता का मेलाका त्यौहार पलवल में आयोजित किया जाता है। नगरपालिका कार्यालय चौक के पास बलराम को समर्पित एक मंदिर भी है। पलवल के रेलवे स्टेशन का स्थान है, जहां से महात्मा गांधी जी को पहली बार गिरफ्तार किया गया था। महात्मा गांधी की याद में एक ऐतिहासिक इमारतगांधी आश्रमबनाया गया था।

 प्रमुख स्थल

1) होडल :-  होडल एक प्राचीन नगर है, इसका संबंध महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। पांडव वन नामक स्थान के अवशेष अब भी यहां पर है, कहते है कि पांडवो ने अज्ञातवास का समय इस क्षेत्र में बिताया था। महाभारत काल के बाद यहां ओड जाती आकर बस गई। ओढ़ों के रहने से इस स्थान का नाम ओडल पड़ गया जो बदलतेबदलते होडल हो गया। होडल के किशोरीबाई तालाब को सती का तालाब भी कहते है। यहां पर सती का मेला लगता है।

2) पलवल का किला :-  मुगलकाल में पलवल ( palwal ) में मटिया किला बनवाया गया था। यह किला अब खंडहर में परिवर्तित हो चुका है। शेरशाह सूरी के समय मे पलवल तहसील के गांव मूलवाना में बनवाई गई मीनार तथा अमरपुर में डेढ़ सौ वर्ष पुराना गोल मकबरा मुसलमानों की कला के प्रति समर्पण का घोतक है।

3) किशोरी महल बाराखम्बा छत्तरी :-  पलवल ( palwal ) के होडल नगर में स्थित किशोरी महल का निर्माण 1754 से 1764 में हुआ। किशोरी राजा सूरजमल की धर्मपत्नी थी। राजा सूरजमल ने अपने शासन के दौरान बहुत सी ऐतिहासिक इमारतों का निर्माण करवाया था। जिनमे शाही महल, कचहरी एवं बाराखम्बा छत्तरी महत्वपूर्ण है।

4) पाण्डव वन :-  होडल में पाण्डव वन के नाम से एक मन्दिर ओर एक गुफा है। पांडवो ने यहाँ पर निवास किया था।

5) सती का स्थान :-  होडल में सती माता का मन्दिर है। यहां पर सती रमणी का मेला लगता है। भरतपुर राजा सूरजमल ने यहां एक तालाब ओर एक सराय का निर्माण करवाया था।

6) सईद सरीफ की दरगाह :-  सईद सरीफ की दरगाह पलवल जिले में हथीन तहसील के जल्लोलपुर नामक गाँव मे स्थित है।

7) दाऊजी का मन्दिर :-  यह मन्दिर पलवल ( palwal ) जिले के बंचारी नामक गाँव मे स्थित है। यह मंदिर श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम का है। यहां प्रतिवर्ष मेला भी लगता है।

8) पंचवटी मन्दिर :-  यह मंदिर पलवल में स्थित है। यह मंदिर महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। अज्ञातवास के दौरान पांडव यहाँ रुके थे। यहां हनुमानजी की एक भव्य प्रतिमा भी है। यहां पर एक पुराना तालाब है जो द्रोपदी घाट के नाम से जाना जाता है।

9) शहीद मीनार :-  हथीन तहसील के रूपड़का गांव में आजादी की लडाई में शहीद हुए वीरों की स्मृति में यह मीनार बनाई गई है।

10) झिरी वाले बाबा का मन्दिर :-  पलवल जिले के मण्डकोला गांव में झिरी वाले बाबा नन्ददास का मंदिर है। यहां पर भाद्रपद दूज को बड़ा मेला लगता है।

11) डबचिक :-  होडल में डबचिक झील पर्यटन स्थल है।

अन्य महत्वपूर्ण बिंदु

पलवल को कॉटन सिटी के नाम से भी जाना जाता है। यह कपास के व्यापार के लिए प्रसिद्ध है।

हरियाणा में मेवात के बाद सबसे कम महिला साक्षरता पलवल जिले की है।

  यमुना नदी  पलवल ( palwal ) जिले के हसनपुर से उत्तर प्रदेश में           प्रवेश करती है।

पलवल में हरियाणा सरकार ने विश्वकर्मा कौशल विकास विश्वविद्यालय की स्थापना दूधोला नामक गाँव मे की गई है। इसकी स्थापना 13 जनवरी 2019 को की गई थी।

पूर्व नोसेना प्रमुख सुनील लाम्बा पलवल जिले से है।

लाला मुरलीधर पलवल से थे। इन्हें अंग्रेजों ने केसरहिन्द तथा रायबहादुर की उपाधि दी थी। इन्हें ग्रैंड ओल्ड मैन ऑफ पंजाब कहा जाता है। इन्ही के प्रयासों से अम्बाला में 1886 में कांग्रेस की शाखा स्थापित हुई। ये हरियाणा के प्रथम जेल सत्याग्रही थे।

Q.1. पलवल कब बना?

हरियाणा का पलवल जिला 15 अगस्त 2008 को बना|

Q.2. Palwal kaha hai?

पलवल जिला हरियाणा राज्य में है|

Q.3. किशोरी महल कहां है?

किशोरी महल पलवल जिले के होडल नगर में स्थित है|

 

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